kab thama hai waqt

Short Poem in Hindi

कब थमा है वक्त ,
जो अब थम जाएगा।
किसी को खुशियां,
तो किसी को गम देकर जाएगा।।

ये वक्त बड़ा बलशाली है,
जानें किस करवट बैठ जायेगा।
कल कल करता नीर है,
आगे ही बढ़ता जाएगा।।

ये वक्त की ही बात है,
जो श्री राम को वनवास हुआ।
ये वक्त की ही बात है,
रावण को अभिमान हुआ।।

वक्त के काल में शरीर समा जाएगा
जो ना अगर डिगे कदम,
ना हुआ पथभ्रमित मन,
तो निर्जीव भी मंजिल को पा जाएगा।

सांस अभी अंतिम नहीं
वक्त भी अभी ख़तम नहीं।
बांध कफन अब चल रण पथ पर,
कर जीवन का संखनाद अभी।।

By "केवल" रुचिर

IT Professional | Legal Expert | Writer

2 thoughts on “कब थमा है वक्त, जो अब थम जाएगा : “केवल” रुचिर की कविता”

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