Author: "केवल" रुचिर

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sikha hai janni se

फिर भी सीखा है जननी से, सहनशीलता का पाठ यहीं : “केवल” रुचिर की कविता

सीखा है जननी से – Kavita in Hindi अस्लाह भरपूर रखते है, अचूक अर्जुन हमारे है।। है अंगद भी इस मिट्टी का, जन्मा भीम सा बलवान यहीं ।। फिर भी…

kab thama hai waqt

कब थमा है वक्त, जो अब थम जाएगा : “केवल” रुचिर की कविता

Short Poem in Hindi कब थमा है वक्त , जो अब थम जाएगा। किसी को खुशियां, तो किसी को गम देकर जाएगा।। ये वक्त बड़ा बलशाली है, जानें किस करवट…

kyon hua hai pyar mujhe valentine poem

क्यों हुआ था प्यार मुझे : केवल रुचिर की वैलेंटाइन कविता

Valentine Kavita in Hindi क्यों हुआ था प्यार मुझे मिलो कभी तो पूछो मुझ से, क्यो हुआ था प्यार मुझे। दिल मिले तो बोलूं तुमसे, क्यो हुआ इकरार मुझे।। काले…

सरोगेसी (Surrogacy) मदर के अधिकारों की चर्चा भारत में क्यों नहीं?

भारत में सरोगेसी (Surrogacy) ये जान कर बड़ी हैरानी होती है जिस देश को स्वम मां की उपमा दी जाती है। उसी देश में सरोगेसी मदर के नाम पर जननी…