महादेव का प्रिय धतूरा
भगवान शिव के प्रिय धतूरा को सभी जानते हैं लेकिन कम ही लोग यह जानते हैं कि धतूरा एक बड़े ही काम की औषधि है। यह एक बेहतरीन बाह्य औषधि के रूप में काम में आने वाला पौधा है।
धतूरा का पौधा 1 मीटर तक ऊंचा होता है, इसकी 4 प्रजातियां होती हैं काला ,उजला, नीला और पीला। जिसमें से काला और उजला प्रमुख है जो लगभग हर जगह उपलब्ध होती है। काले धतूरे का फूल नीली चित्तियों वाला होता है।
धतूरा के नाम हिंदी में धतूरा, संस्कृत में धतूर, मदन, मातुल, उन्मत्त। अंग्रेजी में धोर्न एप्पल एस्ट्रा मोनियम
महादेव को क्यों प्रिय है धतूरा
हिंदू धर्म में अधिकांश लोग यह जानते हैं कि महादेव को धतूरा के फूल, फल और पत्तियां चढ़ाई जाती है इससे महादेव काफी प्रसन्न होते हैं।
महादेव को धतूरा इतना प्रिय क्यों है इसके पीछे कई मान्यताएं और कथाएं हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यह कहा जाता है कि समुद्र मंथन से निकले विष का पान करने के बाद भोलेनाथ व्याकुल हो उठे, उनकी व्याकुलता को समाप्त करने के लिए अश्विनी कुमारों ने बेलपत्र, भांग, धतूरे जैसी औषधियों का उपयोग किया, तभी से यह सभी वस्तुएं महादेव को प्रिय हैं।
आयुर्वेद में धतूरा को विष वर्ग में रखा गया है इस बात का खास ध्यान रखना चाहिए कि धतूरे को खान-पान में उपयोग में बिल्कुल भी नहीं लाएं क्योंकि यह विषैला होता है। इसमें कुछ जहरीले तत्व पाए जाते हैं। खाने में तो इसका बिल्कुल भी उपयोग नहीं करना चाहिए इसके साथ ही ज्यादा गहरे घाव पर भी इसके का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
बाजार में मिलने वाले भांग में नशा बढ़ाने के लिए कभी-कभी इसका उपयोग किया जाता है बाजार में बिकने वाले भांग में मादकता बढ़ाने के लिए भांग के साथ धतूरे का कुछ अंश मिला दिया जाता है जो लोगों के जान के साथ खिलवाड़ करना है। कई बार इसकी भयानक स्थिति देखने को मिली है।
धतूरा के कुछ औषधीय उपयोग
कान दर्द में रामबाण – कान में दर्द हो रहा हो या घाव हो तो धतूरे के फल को सरसों तेल में खौला कर उस तेल को ठंडा करके अथवा गुनगुना कुछ बूंदें कान में डालने पर आराम होता है।
जोड़ों के दर्द में राहत देता है – जोड़ों के दर्द से परेशान है या पैरों में सूजन या भारीपन लगता है तो धतूरे की पत्तियों को पीसकर इसका लेप लगाया जा सकता है। इसे तत्काल आराम मिलेगा। धतूरे के रस को तेल में मिलाकर गर्म करके गुनगुना लगाना भी फायदेमंद होता है।
मिर्गी के रोगियों के लिए फायदेमंद – मिर्गी का दौरा पड़ने पर धतूरे की जड़ को सुंघाने से रोगी को तत्काल फायदा होता है।
गंजेपन से बचने के लिए इसका उपयोग फायदेमंद है – धतूरे के रस को नियमित रूप से बालों में लगाना फायदेमंद है, यह बालों को झड़ने से रोकता है तथा नए बाल भी आने शुरू हो जाते हैं।
नवजात शिशुओं को सर्दी से बचाने में इसका उपयोग – जाड़े के मौसम मेंं नवजात शिशु को सर्दी जुकाम होने की समस्या उत्पन्न हो जाती है। ऐसी स्थिति में धतूरे के पत्ते पर सरसों तेल लगाकर बच्चे की सिर की चांदी पर रख दें और बच्चे को कुछ देर के लिए धूप में रखें।
गलशोथ की बीमारी में फायदेमंद – कान का निचला हिस्सा फूल जाना, बुखार होना और कान में दर्द। रात में सोने से पहले सरसों तेल लगाकर धतूरे के पत्ते को गर्म करें और सूजन वाले स्थान पर सिखाई करके उस पत्ते की पट्टी बांधे। काफी फायदा होगा।
धतूरे में बहुत सारे औषधीय गुण है परंतु इसका बाहरी उपयोग ही करना ज्यादा बेहतर होगा इस बात का खास ख्याल रखें।