fulon ka raja gulabPC - navbharattimes.indiatimes.com

केवल सुंदरता और सुगंध ही नहीं औषधीय गुणों से भी भरा है फूलों का राजा गुलाब

फूलों का राजा कहलाने वाले गुलाब की मनमोहक सुंदरता और खुशबू सर्वविदित है। यह सर्वत्र पाया जाता है। भारतवर्ष में यह पौधा प्राचीन काल से लगाया जाता है और कई स्थानों में जंगली भी पाया जाता है। गुलाब एक कांटेदार, झाड़ी वाला पौधा है।

धरती पर अनेक रंगों के फूल वाले गुलाब पाए जाते हैं। लाल, गुलाबी, सफेद, पीला इत्यादि। कहीं-कहीं हरे और काले रंग के फूल वाले गुलाब भी होते हैं।

कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, नेपाल और भूटान में श्वेत, गुलाबी व पीले फूल वाले जंगली गुलाब बहुत मिलते हैं।

गुलाब का सिर्फ पौधा ही नहीं लता की तरह चढने वाले गुलाब के झाड़ भी होते हैं।

गुलाब को अनेक नामों से जाना जाता है 

हिंदी में गुलाब, सदा गुलाब, सेवती इत्यादि नाम है। बांग्ला में गोलाप, सेवती, कूजा इत्यादि। संस्कृत में तरुणी, सतपत्री, कुंजक इत्यादि। आयुर्वेद में गुलाब को महा कुमारी, सतपत्री व तरुणी आदि नामों से जाना जाता है।

भारतवर्ष में ऋतु के अनुसार गुलाब के दो भेद माने जाते हैं – सदाबहार गुलाब और चैती। सदाबहार गुलाब प्रत्येक ऋतु में खिलता है और चेती गुलाब केवल वसंत ऋतु में।

दवा और इत्र के काम में उपयोग में आता है चैती गुलाब व देसी गुलाब

चैती गुलाब को ही देसी गुलाब कहा जाता है। यह वसंत ऋतु में खिलता है। स्वास्थ्य उपयोग के लिए इसका ही प्रयोग किया जाता है। देसी गुलाब का रंग गुलाबी होता है और इसका सुगंध भी गुलाबी माना जाता है।

गुलाब के अनेकों उपयोग हैं

यह हमारे गार्डन को खूबसूरत और सुगंधित तो करता ही है, विभिन्न समारोहों में सजावट के लिए भी प्रयुक्त होता है। भावनाओं को व्यक्त करने का माध्यम भी बनाया जाता है़ गुलाब।

सौंदर्य प्रसाधन, इत्र एवं औषधि के रूप में भी इसका उपयोग होता है।

यह भी पढ़ें    क्यों दूर हुए जा रहे आजकल के बच्चे देशी खेल कूद से 

इसके स्वाद, स्वभाव और औषधीय गुणों को भी जाने

गुलाब के रस का स्वाद तीखा, चिकना, कसैला और मीठा होता है। यह शीतल, वीर्य वर्धक, हृदय रोग में फायदेमंद, भूख बढ़ाने वाला, त्रिदोष नाशक, वात कफ पित्त नाशक, खून विकार को ठीक करने वाला, बिच्छू के विष में लाभदायक होता है।

गुलाब का उपयोग करने से दिल, दिमाग और अमाशय की शक्ति में वृद्धि होती है और वह सुचारू रूप से काम करते हैं। इसकी पंखुड़ियों में लैक्सटिव और डाईयूरेटिक गुण भी होते हैं। जो पेट को साफ करने बॉडी से टॉक्सिन को बाहर निकालने, मेटाबॉलिज्म को बेहतर करने और वजन कम करने में मदद करते है।

गुलाब का फूल विटामिन सी से भरपूर होता है। अतः विटामिन सी की कमी को दूर करने के लिए गुलकंद एक बेहद उपयोगी विकल्प है।

लाल गुलाब के फूल हमारी उर्जा में वृद्धि करते हैं, जो हमारी एड्रिनल ग्रंथि को प्रभावित करते हैं।

#गुलाब के फूल के स्वास्थ्य संबंधी कुछ प्रयोग#

  • वजन घटाने के लिए 10 से 15 पंक्तियों को पानी में उबालें पानी का रंग पूरी तरह गुलाबी हो जाने पर एक चम्मच शहद और एक चुटकी दालचीनी पाउडर मिलाकर सेवन करें।
  • आंखों की थकावट को दूर करने के लिए गुलाब जल काफी फायदेमंद है साथ ही साथ यह बालों और स्किन के लिए भी फायदेमंद है।
  • गुलाब का शरबत मस्तिष्क को शीतलता और शक्ति प्रदान करता है, साथ ही गुलाब का रस खून को साफ भी करता है।
  • फिटकरी में गुलाब जल मिलाकर लगाने से कील-मुंहासे, दाद खाज जैसे त्वचा के रोग दूर होते हैं। ० नींबू के रस और गुलाब के अर्क को मिलाकर दाद पर लगाने से वह ठीक होता है।
  • खाना खाने के बाद गुलकंद खाने से पाचन क्रिया ठीक रहती है।
  • मुंह की बदबू दूर करने के लिए गुलाब के फूल, लौंग और चीनी को गुलाब जल में पीसकर गोलियां बनाकर चूसे।
  • अत्यधिक गर्मी या जलन होने पर पांच इलायची, 10 ग्राम गुलाब की पंखुड़ी, पांच कालीमिर्च, और 10 ग्राम मिश्री को पीसकर हर 4 घंटे पर पीएं आराम मिलेगा।
  • सफेद चंदन में कपूर और गुलाब जल मिलाकर माथे पर लगाने से सिर दर्द ठीक होता है।
  • थकावट दूर करने के लिए- अगर आप बहुत जल्द थकावट महसूस करने लगते हैं तो गुलाब के 10 से 15 पंखुड़ियों को पीसकर चंदन तेल एक बूंद मिलाकर शरीर की मालिश करें।
  • लू से बचने के लिए– गर्मियों में लू से बचने के लिए गुलाब के फूल काफी लाभकारी होते हैं, गुलाब की 10 पंखुड़ियां पीसकर एक गिलास पानी में मिला लें, साफ सूती कपड़े को उस में भिगोकर निचोड़े और उस कपड़े को सिर पर रखे। इसके अलावा गुलकंद का सेवन करने से शरीर में ठंडक बनी रहती है और लू बचा जा सकता है।
  • हाथ पैरों में जलन होने पर- गर्मी के कारण हाथ पैरों में जलन, पेट में गड़बड़ी, एसिडिटी आधी समस्या हो तो गुलाब का शरबत बनाकर पिए। इसके अलावा चंदन पाउडर के साथ गुलाब जल मिलाकर हाथ पैर पर लेप लगाएं।
  • मानसिक तनाव एवं अनिद्रा की समस्या में बहुत ही कारगर उपचार है- आधा इंच सर्पगंधा (आयुर्वेदिक जड़ी), 10 से 12 गुलाब की पंखुड़ी, एवं सात से आठ दाना काली मिर्च को पानी के साथ पीसकर पिएं अच्छी नींद आएगी।

इतने सारे फायदे को जानने के बाद अपने गमले और क्यारियों में गुलाब के फूल अवश्य लगाएं सुगंध, सुंदरता के साथ ही सेहत का आनंद उठाएं।

By कुनमुन सिन्हा

शुरू से ही लेखन का शौक रखने वाली कुनमुन सिन्हा एक हाउस वाइफ हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *