amsterdam floating houses
नीदरलैंड का एक खूबसूरत शहर एम्स्टर्डम
दुनिया में जलवायु परिवर्तन के कारण बहुत से जगहों पर लोगों को मौसम में होते बदलाव के लिए खुद को अनुकूल बनाना पड़ता है। कुछ इससे परेशान होकर स्थान परिवर्तित कर लेते हैं वहीँ कुछ उस मौसम के हिसाब से और अपने प्रयासों से खुद को ढ़ाल लेते हैं।
यूरोप महाद्वीप के एक देश नीदरलैंड, जिसे हॉलैंड के नाम से भी जाना जाता है, की राजधानी एम्सटर्डम का नाम सुनते ही नहरे, उस पर बने पुल, दुनिया का एकमात्र वेश्यालय दे वाल्ले (De Wallen) नाम का संग्रहालय, कॉफी शॉप की बहुतेरे दुकान एवं और भी बहुत सारी खूबसूरत जगहें जेहन में आ जाती हैं। इस शहर का एक चौथाई हिस्सा पानी से भरा है, मानों यह शहर पानी पर तैर रहा हो।
वास्तव में हॉलैंड नीदरलैंड के सिर्फ एक हिस्से को ही कहा जाता है। नीदरलैंड में कुल 12 प्रोविंस हैं जबकि सिर्फ 2 प्रोविंस Noord-Holland and Zuid-Holland – को मिलाकर ही हॉलैंड कहा जाता है।
तैरते घरों का डिज़ाइन – Amsterdam Floating Houses
नीदरलैंड का एक तिहाई क्षेत्र समुद्र जल स्तर के नीचे हैं, और ऐसी ही परिस्थिति में यहां के लोगों ने आपदा को अवसर मे परिवर्तित करते हुए जमीन के बजाय पानी पर भी घर बनाकर रहने में खुद को काबिल बनाया है। दरअसल इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए तैरते घरों का निर्माण पहले भी किया गया था, परंतु उन घरों में सारी सुविधाएं मौजूद नहीं थी – जैसे कि पहले एक घर से दूसरे घर में जाने के लिए पुल का इस्तेमाल करना पड़ता था, जिसमे काफी असुविधा होती थी। घरों में बिजली के लिए काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता था, क्योंकि जैसे ही बैटरी डिस्चार्ज – वैसे ही बत्ती गुल।
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इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए एक ऐसी कॉलोनी बनाने का विचार आया, जो इन सब समस्याओं को दूर करते हुए समस्त बुनियादी सुविधाओं से परिपूर्ण हो। यहां वाटरबर्ट (Waterbuurt) स्थित एइमर झील (IJ Lake) के उत्तर में लगभग 65 किमी दूर एक शिपयार्ड के पास 100 तैरते हुए घरों की कॉलोनी बनाई गई, जो काफी आरामदायक है। इसे मार्लिस रोहमर (Marlies Rohmer) नाम के डच आर्किटेक्ट ने डिजाइन किया है।
सभी तैरते घर हल्के स्टील के फ्रेम से बने और आपस में इंटरकनेक्टेड है। घरों की दीवारें और पैनल हल्के लकड़ियों से बने हैं। तैरते घरों के ग्राउंड फ्लोर पर डाइनिंग रूम और किचन को डिजाइन किया गया है और टॉप पर लिविंग एरिया और आउटडोर टेरेस मौजूद है। ग्राउंड फ्लोर पर बेडरूम और बाथरूम भी मौजूद है, जो मोनोक्रोमेटिक योजनाओं के अंतर्गत बनाया गया है और काफी बड़ा है। छत पर बागवानी भी की जा सकती है और वर्षा के पानी को भी ईकट्ठा कर सकते हैं, जिन्हें शौचालय को फ्लश करने और बागवानी के उपयोग में लाया जा सकता है।
फ्लोटिंग घरों के नेटवर्क आपस में जुड़े होते हैं, जिससे पड़ोसी आपस में बिजली का आदान-प्रदान भी कर सकते हैं। इस तरह के तैरते हुए घरों की इतनी बडी कॉलोनी आज दुनिया में अभी तक एकमात्र कॉलोनी है जो एम्स्टर्डम शहर को दर्शनीय और मशहूर बनाता है। अब और देशों ने भी इस तर्ज पर कॉलोनीज बनाने पर ध्यान देना शुरू कर दिया है। यह एक मॉडल है जिसका उपयोग तटीय शहरों में किया जा सकता है जो पहले से ही बाढ़ से जूझ रहे हैं।
घरों की कीमत लगभग € 300,000 से € 800,000 (लगभग तीन करोड़ से आठ करोड़ रूपये) तक होती है। अनोखे और जटिल इंजीनियरिंग होने के कारण फ्लोटिंग हाउस बनाना अधिक महंगा हो सकता है, लेकिन आर्किटेक्ट किफायती घर भी बनाने में लगे हैं। समुद्र के किनारों पर जहां बढ़ते जल स्तर से मौजूदा घरों को खतरा है, इस प्रकार का फ्लोटिंग होम या एक हाइब्रिड होम, जो केवल बाढ़ में तैर सकता है – वाटरफ्रोन को बाहर रखने की कोशिश करने के बजाय पानी को गले लगाकर अनुकूल बनाने में मदद कर सकता है। रोहमर कहती हैं “जब पानी आता है, तो वे तैरते हैं, और जब पानी चला जाता है, तो वे फिर से खड़े हो सकते हैं।”
फ्लोटिंग हाउस नीदरलैंड में लंबे समय से एक आम दृश्य है। पर्यटकों के लिए एम्स्टर्डम के ये तैरते घर एक शौक या नज़ारा भर ही हो। लेकिन तैरते घरों का एक नया समुदाय दुनिया भर में समुद्र के बढ़ते स्तर के लिए एक समाधान का संकेत दे सकता है।