मुझमें भी लाचार बचा है : लघु कविता
Lachar Kavita in Hindi मुझमें भी लाचार बचा है : लघु कविता हर तरफ हाहाकार मचा है, सिर्फ अब लाचार बचा है। ना कहीं प्रेम, ना आराम बचा है। लोभ…
कोई पहलू न छूटे
Lachar Kavita in Hindi मुझमें भी लाचार बचा है : लघु कविता हर तरफ हाहाकार मचा है, सिर्फ अब लाचार बचा है। ना कहीं प्रेम, ना आराम बचा है। लोभ…